पीएम मोदी द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा में परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास

प्रस्तावना
पीएम मोदी 25 सितंबर 2025 को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत देश की ऊर्जा दिशा को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी न सिर्फ़ विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, बल्कि राज्य और देश के लिए एक नए ऊर्जा युग की शुरुआत की नींव भी रखेंगे।
मुख्य विषय
1.परियोजनाओं का स्वरूप एवं महत्व
- इस दिन पीएम मोदी माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (Mahi-Banswara Atomic Power Project / MBRAPP) का शिलान्यास करेंगे — यह परियोजना लगभग ₹42,000 करोड़ की अनुमानित लागत की है।
- यह परियोजना चार 700 मेगावाट की इंडिजिनस (स्वदेशी) प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टरों (IPHWR-700) के रूप में विकसित की जाएगी।
- कुल स्थापित क्षमता 2,800 मेगावाट होगी।
- यह राजस्थान का दूसरा परमाणु केंद्र होगा (पहला है रावतभाटा)।
2.विस्तृत परियोजना पैकेज
पीएम मोदी इस यात्रा में निम्न क्षेत्रों में बड़ी घोषणाएँ और शुरुआत की जाएगी:
- स्वच्छ / अक्षय ऊर्जा एवं ट्रांसमिशन नेटवर्क — राजस्थान में सोलर प्रोजेक्ट्स और ऊर्जा ट्रांसमिशन लाइनों का विस्तृत नेटवर्क।
- जल संसाधन एवं सिंचाई परियोजनाएँ — नए बांध, नहरें, जल संचयन योजनाएँ।
- पेयजल एवं स्वच्छता योजनाएँ — कई जिलों में पेयजल आपूर्ति प्रोजेक्ट।
- सड़क, पुल, फ्लायओवर एवं लोक यातायात बुनियादी ढाँचा।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, ई-गवर्नेंस — 250 बिस्तर अस्पताल, आईटी केंद्र, शहरी सुधार परियोजनाएँ।
- नियुक्ति एवं रोजगार — इस दिन लगभग 15,000 युवाओं को सरकारी विभागों में नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
चुनौतियाँ, विरोध एवं संवेदनाएँ
- कुछ आदिवासी समूहों और स्थानीय समुदायों ने माही बांसवाड़ा परियोजना को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। उनका तर्क है कि अधिगृहीत भूमि, मुआवज़ा, पुनर्वास और पर्यावरण व रेडिएशन रिपोर्ट की पारदर्शिता पर चर्चा शेष है।
- उन्होंने लिखित आश्वासन की माँग की है कि प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता से रोजगार दिया जाए और CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) मद का बड़ा हिस्सा स्थानीय विकास में उपयोग हो।
- स्थानीय समुदाय यह भी चाहते हैं कि परियोजना की पर्यावरणीय और विकिरण सुरक्षा रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और पुलिस मुकदमों को वापस लिया जाए।

महत्व और संदेश
- भारत की एनर्जी सेफ्टी को मजबूत करना: बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने एवं जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने की दिशा में यह कदम अहम है।
- भारत की एनर्जी सेफ्टी को मजबूत करना: बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने एवं जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने की दिशा में यह कदम अहम है।
- क्षेत्रीय विकास: विशेष रूप से बांसवाड़ा जैसे पिछड़े और आदिवासी इलाकों में रोजगार, अवसंरचना और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
- राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ: इस कार्यक्रम से यह संकेत भी मिलता है कि केंद्र एवं राज्य सरकार इस क्षेत्र को विशेष दृष्टि से देख रहे हैं — लेकिन इसका क्रियान्वयन एवं जनता की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
निष्कर्ष
25 सितंबर 2025 पीएम मोदी का यह आयोजन सिर्फ़ एक उद्घाटन नहीं, बल्कि भारत की ऊर्जा रणनीति और समावेशी विकास की दृष्टि का एक प्रतीकात्मक कदम है। यदि यह योजना समयबद्ध तरीके से लागू हो सके — जिसमें स्थानीय लोगों के हितों, पर्यावरण सुरक्षा और संसाधन प्रबंधन को संतुलन में रखा जाए — तो यह राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।



















