बिहार में सियासी दंगल और भोजपुरी का तड़का, पवन सिंह के बाद खेसारी लाल यादव की एंट्री! पत्नी चंदा लड़ेंगी चुनाव
Bihar Chunav 2025: खेसारी लाल यादव ने हाल ही में पटना में मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की. दरअसल खेसारी लाल यादव ने कहा कि अगर चुनाव लड़ना होगा तो उनकी पत्नी ही चुनाव लड़ेंगी, क्यों कि वह फिल्मों और म्यूजिक इंडस्ट्री में व्यस्त रहेंगे ऐसे में जनता के बीच कम रह पाएंगे.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं और भोजपुरी सिनेमा के सितारे अब सियासी पटल पर धमाल मचाने को तैयार हैं. एक तरफ भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने अपनी पत्नी चंदा देवी को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से मांझी विधानसभा सीट पर उतारने का ऐलान कर दिया है तो दूसरी ओर ‘पावरस्टार’ पवन सिंह का नाम एनडीए के टिकट पर आरा सीट से जोर पकड़ रहा है. यह सियासी टकराव पूर्वांचल के भोजपुरी फैन बेस को दो हिस्सों में बांट सकता है, जहां स्टार पावर और पार्टी लाइन की जंग रोमांचक मोड़ लेगी.
क्या कहा गया है खेसारी लाल ने?
खेसारी लाल यादव ने हाल ही में पटना में मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की. दरअसल खेसारी लाल यादव ने कहा कि अगर चुनाव लड़ना होगा तो उनकी पत्नी ही चुनाव लड़ेंगी, क्यों कि वह फिल्मों और म्यूजिक इंडस्ट्री में व्यस्त रहेंगे ऐसे में जनता के बीच कम रह पाएंगे. इसलिए उनकी पत्नी चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने कहा, “चंदा देवी लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं. सूत्रों के अनुसार खेसारी लाल यादव की पत्नी मांझी सीट से चुनाव लड़ सकती हैं.
खेसारी लाल यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव और अखिलेश जी बड़े भाई हैं. अगर वो चाहेंगे तो चंदा चुनाव लड़ेंगी. उनकी पत्नी सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं. वहीं बच्चे भी अब बड़े हो गए हैं. इसलिए चुनाव लड़ेंगी. वहीं इस दौरान खेसारी लाल यादव ने बिना नाम लिए पवन सिंह समेत दूसरे कलाकारों पर तंज भी कसा. खेसारी लाल यादव ने कहा कि कुछ स्टारडम के दम पर चुनाव तो जीत जाएंगे लेकिन जनता के बीच नहीं रहेंगे तो लोगों की परेशानी कौन सुनेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव ऐसे व्यक्ति को लड़ना चाहिए जो जनता के बीच रहकर उनकी सेवा कर सके.
संभावित विधानसभा क्षेत्र: मांझी सीट
रिपोर्ट्स बताते हैं कि चंदा देवी को मांझी, सारण जिले की सीट से टिकट दिए जाने की संभावना है। वर्तमान में इस सीट पर CPI(M) विधायक सत्येंद्र यादव हैं।
राजनीति विश्लेषक मानते हैं कि RJD इस सीट को मजबूत उम्मीदवार के साथ लेना चाहेगी, और चंदा देवी को इस भूमिका में देखा जा रहा है।
संभावनाएँ और चैलेंजेस
संभावनाएँ
1.चेतनता एवं मीडिया आकर्षण
एक फिल्मी चेहरा होने की वजह से चंदा देवी को मीडिया कवरेज और जनता की तिज़ी मिलेगी, जो सामान्य उम्मीदवारों को नहीं मिलता।
2.दलगत समर्थन
RJD के वोट बैंक में यादव जाति और निष्क्रिय वोटों को जोड़ने में यह एक रणनीति हो सकती है।
3.राजनीतिक संतुलन
अगर सीट बंटवारे में RJD को यह सीट मिल जाती है, तो यह जोड़-तोड़ की दिशा में एक चाल हो सकती है, खासकर यदि अन्य पार्टियों ने यहां मजबूत दावेदार घोषित किए हों।
चुनौतियाँ
1.विश्वसनीयता और अनुभव
राजनीति में नया प्रविष्टि यदि हो, तो जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का भरोसा जीतना कठिन होगा।
2.पार्टी विरोधाभास
RJD के अंदर से या गठबंधन सहयोगियों में विरोध हो सकता है कि टिकट देने का फैसला पक्षपाती या सिर्फ स्टार-पावर पर हो।
3.स्थानीय उम्मीदवारों की ताकत
यदि वहां पहले से सक्रिय और लोकप्रिय स्थानीय नेता हों, तो उनका मुकाबला करना आसान नहीं होगा।
4.चुनावी मुकाबला
यदि BJP, JDU या अन्य पार्टियाँ मजबूत उम्मीदवार खड़ी करें, तो मुकाबला संकटपूर्ण होगा।
RJD की रणनीति क्या है?
राजद (RJD) इस समय बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर नए चेहरों पर भरोसा जता रही है।
सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव खुद चाहते हैं कि “पार्टी में ऐसे उम्मीदवार हों जो जनता के बीच में लोकप्रिय हों और युवाओं से जुड़ाव रखते हों।”
चंदा देवी को लेकर पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि वह एक “क्लीन इमेज और जनप्रिय चेहरा” साबित हो सकती हैं।
इसके अलावा, RJD के रणनीतिकार इस कदम से भोजपुरी बेल्ट में एक मजबूत संदेश देना चाहते हैं — कि पार्टी स्थानीय सांस्कृतिक पहचान और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भी महत्व देती है।
विपक्ष का नजरिया
विपक्षी दलों ने इस कदम पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।
BJP के कुछ नेताओं ने कहा कि “RJD केवल स्टार पावर के भरोसे राजनीति कर रही है, जनता मुद्दों पर वोट देगी, चेहरों पर नहीं।”
वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खेसारी और पवन सिंह के बीच छुपी प्रतिद्वंद्विता अब राजनीति के मैदान में भी दिख सकती है — क्योंकि पवन सिंह पहले ही BJP से उम्मीदवार बताए जा रहे हैं।
अगर ऐसा हुआ, तो भोजपुरी इंडस्ट्री की दो बड़ी हस्तियों के परिवारों के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिल सकता है।
जनता की राय
स्थानीय लोगों में इस खबर को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ हैं।
सारण जिले के कुछ मतदाताओं ने कहा कि “अगर चंदा देवी सामाजिक काम करें और जनता से जुड़ी रहें, तो उन्हें मौका मिलना चाहिए।”
दूसरी ओर, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि “राजनीति अनुभव से चलती है, केवल प्रसिद्धि से नहीं।”
निष्कर्ष
खेसारी लाल की पत्नी चंदा देवी का RJD से चुनाव लड़ने का विचार अभी अफवाह नहीं — लेकिन मीडिया रिपोर्टों और राजनीतिक संकेतों पर आधारित सम्भावना है। यदि यह सच हुआ, तो यह बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ होगा — जहां सिनेमा और राजनीति एक साथ दिखेंगे। लेकिन अभी तक पार्टी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।भोजपुरी सिनेमा और बिहार की राजनीति का मिलन अब और गहरा होता जा रहा है।
खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी के राजनीति में आने की खबर सिर्फ मनोरंजन जगत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति के लिए भी बड़ी खबर है।
अगर यह सच साबित होती है, तो यह आने वाले चुनाव में एक नया रंग और उत्साह लेकर आएगी।


















